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“ कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है, ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ किसी चीज से डरो मत, तुम अद्भुत काम करोगे, यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो, जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो, सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है, इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है, वह जो प्रेम करता है जीता है, वह जो स्वार्थी है मर रहा है, इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं, जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे, ”
– स्वामी विवेकानंद
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स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
“ हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अगर आप सफलता का आनंद उठाना चाहते हैं, तो अपने जीवन में कठिनाइयों का आगमन करवाइए। स्पष्ट बोलना पीठ पीछे बोलने से कई गुना बेहतर है। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अगर कोई मनुष्य आपको केवल ज़रूरत पड़ने पर ही याद करता है तो उस बात का बुरा मत मानो, क्योंकि जब अँधेरा हो जाता है तभी दिए की याद आती है। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अगर धन दूसरों की भलाई के लिए प्रयोग होता है तो इसका कुछ मूल्य है , अन्यथा यह सिर्फ बुराई का एक ढेर है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अपनी क्षमताओं के स्तर तक अपना लक्ष्य कम न करें। इसके बजाय, अपनी क्षमताओं को अपने लक्ष्यों की ऊंचाई तक बढ़ाएं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ अपने जीवन में जोखिम ले, यदि आप जीतते हैं, तो नेतृत्व करते है! यदि आप हारते है , तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से ही मनुष्य जाति का कल्याण हो सकता है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ उठो और तब तक नही रुको जब तक कामयाब न हो जाओ-------------------जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ एक विचार ले, उस एक विचार को अपना जीवन बनाएं- इसे सोचो, उसका सपना देखें , उस विचार पर जीएं। मस्तिष्क, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं, अपने शरीर के हर हिस्से को इस विचार से परिपूर्ण रखें, और हर दूसरे विचार को छोड़ दें। यह सफलता का मार्ग है ”
– स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के विचार
“ एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो, अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो, यही सफल होने का तरीका है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ कभी ना मत कहो, कभी न कहो की ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं, सभी शक्ति आप के भीतर है, आप कुछ भी कर सकते हैं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ कभी भी बड़ी योजना का हिसाब मत लगाओ, धीरे धीर शुरू करें, अपनी ज़मीन बनाये और धीरे धीरे उसे बढ़ाएं, ब्रह्मांड का असीम पुस्तकालय आपके मन में है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं, अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान लगता है लेकिन आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक भगवान आप पर कैसे विश्वास कर सकता है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब तक मनुष्य के जीवन में सुख-दुख नही आयेगा, तब तक मनुष्य को ये एहसास कैसे होगा कि जीवन में क्या सही है और क्या गलत। ,,,,,--------,,,,,धोखा उस फल का नाम होता है जो आसानी से किसी भी बाजार में मिल जाता है और बहुत खूबसूरत होता है। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब भी मैंने भगवान से शक्ति मांगी उसने मुझे मुश्किल हालात में डाल दिया… ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं, जिस क्षण मैं हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके भीतर भगवान को देखने लगा – उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त हूँ, हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी, और मैं स्वतंत्र हूँ, ”
– स्वामी विवेकानंद
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“ जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जिस व्यक्ति ने सच्चे आनंद को प्राप्त कर लिया है वह किसी भी सांसारिक वस्तु के ना मिलने से परेशान नहीं होता ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जो कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है उसे ज़हर समझकर नकार दो ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे, यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जो व्यक्ति समझदार होता है वो खुद गलतियां नही करता है, बल्कि दुसरो की गलतियों से ही सब कुछ सिख लिया करता है। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है, कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ दुनिया क्या सोचती है उन्हें सोचने दो, आप अपने इरादे में मज़बूत रहो, दुनिया एक दिन तुम्हारे क़दमों में होगी… ”
– स्वामी विवेकानंद
“ धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं,--- शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है, विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ बुरे संस्कारों को दबाने का एक मात्र साधन है कि हम लगातार अच्छे विचार अपने दिमाग में लाते रहे ”
– स्वामी विवेकानंद
“ ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है! ”
– स्वामी विवेकानंद
“ भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर, ”
– स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के दार्शनिक विचार
“ भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ म जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं, हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते, क्या यह हवा की गलती है ?…,,हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ मन की शक्ति सूरज की किरणों की तरह होती है, जब वे केंद्रित होती हैं तो वे चमक उठती हैं। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ मनुष्य की सेवा करो, भगवान की सेवा करो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है, बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश हैं। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ ये दुनिया अखाड़े की तरह है जिसमे हम खुद को मज़बूत बनाते हैं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ लोग क्या कहेंगे, अगर ये सोचकर आप कुछ नही कर रहे तो आप जीवन की पहली परीक्षा में हार गये। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ वह कायर है जो कहता है, ‘यह किस्मत है … वह मजबूत है जो खड़ा है और कहता है’ मैं अपना भाग्य खुद बनाऊंगा ”
– स्वामी विवेकानंद
“ विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है, और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते, ”
– स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद कोट्स इन हिंदी
“ शक्ति जीवन है, कमजोरी मृत्यु है, विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्यार जीवन है, घृणा मृत्यु है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी कमजोर बनता है -, उसे ज़हर की तरह त्याग दो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ श्री रामकृष्ण कहा करते थे,” जब तक मैं जीवित हूँ, तब तक मैं सीखता हूँ ”, वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना ”
– स्वामी विवेकानंद
“ सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है: वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना, स्वयं पर विश्वास करो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ स्वतंत्र होने का साहस करो, जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो, ”
– स्वामी विवेकानंद
“ हमारी ही मानसिकता दुनिया का निर्माण करती है , विचार चीज़ों को अच्छा बनाते हैं और बुरा भी बनाते हैं पूरा विश्व हमारे मस्तिष्क में है बस हमें रौशनी की ज़रूरत है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ हमें हमारा लक्ष्य प्राप्त करते वक्त सिर्फ 2 सोच रखनी चाहिए, अगर रास्ता मिल गया तो ठीक, नहीं तो रास्ता में खुद बना लूँगा। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ हमेशा मनुष्य को परछाई और आईने की तरह दोस्त बनाने चाहिए, क्योंकि परछाई कभी साथ नही छोड़ती और आईना कभी झूठ नही बोलता। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ हर विचार जो आपको मजबूत करता है, उसे अपना लिया जाना चाहिए और हर विचार जो आपको कमजोर बनाता है, उसे अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए। ”
– स्वामी विवेकानंद
“ सामाज अपराधियों के कारण नहीं बल्कि अच्छे लोगों की ख़ामोशी के कारण खराब होता है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ सभी शक्ति आपके अन्दर है, उस पर विश्वास करो, विश्वास न करें कि आप कमजोर हैं … खड़े हो जाओ और अपने भीतर की दिव्यता को पहचानो ”
– स्वामी विवेकानंद
“ लक्ष्य के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो एक बीज की तरह, ताकि दोबारा उठ कर उस लक्ष्य के लिए फिर से जंग कर सको ”
– स्वामी विवेकानंद
“ दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते हैं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है लेकिन जो भी रिश्ते हैं, उनमें जीवन का होना जरूरी है ”
– स्वामी विवेकानंद
“ जब आप किसी काम को करने का निश्चय करो तो उसे अवश्य करना चाहिए वरना लोगों का आप से विश्वास उठ जाता है ”
– स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के विचार इन हिंदी
“ किसी और के लिए इंतजार न करें, जो भी आप कर सकते हैं उसे करेंकिसी दूसरे पर अपनी उम्मीद न बनाएं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ एक समय में एक ही काम करो, और इसे करते हुए अपना सबकुछ इसमें झोक दो ”
– स्वामी विवेकानंद
“ उम्मीद को हमेशा बना के रखना चाहिए क्योंकि उम्मीद के भरोसे ही हम सब कुछ वापस ला सकते हैं ”
– स्वामी विवेकानंद
“ असत्य के हजार रूप हो सकते है लेकिन सत्य एक ही होता है ”
– स्वामी विवेकानंद
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